12 मार्च 2025 | HourlyNews.in
इंडसइंड बैंक के शेयरों में मंगलवार को जोरदार गिरावट दर्ज की गई, जब बैंक ने ₹2,100 करोड़ की लेखा (एकाउंटिंग) त्रुटि की जानकारी दी। यह गिरावट 27% से अधिक रही, जिससे निवेशकों में घबराहट देखी गई। हालाँकि, बैंक ने आश्वासन दिया है कि उसकी पूंजी और भंडार पर्याप्त है और इस नुकसान को वह आसानी से संभाल सकता है, लेकिन बाजार में इसका असर बहुत नकारात्मक रहा।
क्या है ₹2,100 करोड़ का मामला?
यह गड़बड़ी बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में देखी गई, जो पिछले 5-7 वर्षों में जमा हुई थी। आश्चर्यजनक रूप से, यह त्रुटि आंतरिक ऑडिट, वैधानिक निरीक्षण और नियामक (RBI) समीक्षा से भी नहीं पकड़ी गई।
सितंबर 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया कि 1 अप्रैल 2024 से आंतरिक डेरिवेटिव ट्रेडिंग बंद की जाए। इसके बाद जब बैंक ने अपनी अंतरिक व्यापार पुस्तिका की समीक्षा शुरू की, तब यह गड़बड़ी सामने आई।
अक्टूबर 2024 में इस समस्या की पहचान हुई, जिसके बाद बैंक ने एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है, जो अप्रैल 2025 की शुरुआत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बाजार में भारी गिरावट, शेयर 1 साल के निचले स्तर पर
बैंक के इस खुलासे के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई। मंगलवार को बीएसई पर इसका शेयर ₹655.95 पर बंद हुआ, जो 27% से अधिक की गिरावट है। कारोबार के दौरान शेयर ₹649 के 1 साल के निचले स्तर तक पहुंच गया।
बाजार में चिंता है कि इस मामले से नियामकीय सख्ती बढ़ सकती है, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
प्रबंधन और नेतृत्व पर उठ रहे सवाल
बैंक के एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया ने स्वीकार किया कि इस लेखा त्रुटि का असर उनके कार्यकाल पर भी पड़ा है। बैंक ने जहां तीन साल के विस्तार का प्रस्ताव दिया था, वहीं आरबीआई ने केवल 1 साल की मंजूरी दी।
आगे क्या होगा?
बैंक के लिए अगले कुछ हफ्ते बेहद अहम होंगे।
✔ बाहरी एजेंसी की रिपोर्ट से पता चलेगा कि यह गलती कितनी गंभीर थी और इसके क्या प्रभाव होंगे।
✔ बाजार और निवेशकों का भरोसा फिर से हासिल करना बैंक के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
✔ नियामकीय फैसलों पर भी पैनी नजर रखनी होगी, क्योंकि आरबीआई इस मामले में सख्त कार्रवाई कर सकता है।
क्या बैंक इस संकट से उबर पाएगा? क्या निवेशकों का भरोसा वापस आ सकेगा? बने रहिए HourlyNews.in के साथ, इस महत्वपूर्ण खबर से जुड़े सभी अपडेट्स के लिए! 🚀